माइग्रेन क्या है जाने कारण, लक्षण, उपचार ( Migraine in Hindi )

माइग्रेन क्या है जाने कारण, लक्षण, उपचार ( Migraine in Hindi )

बहुत सारे लोग को यही नहीं पता है कि सिर दर्द और माइग्रेन (Migraine in Hindi) में क्या अंतर है।
आज के दौर में माइग्रेन इतनी बड़ी समस्या है कि हर10 व्यक्ति में से एक व्यक्ति को माइग्रेन की बीमारी है।

इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में माइग्रेन की समस्या बहुत तेजी से फैल रहा है इसका मुख्य कारण है आजकल के रहन-सहन।

यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपने चपेट में ले सकता है चाहे वह बच्चा हो या बड़ा। माइग्रेन (Migraine in Hindi) को तेजी से फैलने का एक और कारण ये भी है लोगों में इसके प्रति जागरूकता की कमी।

क्या आप भी इस बीमारी के प्रति अनभिज्ञ हैं तो यह लेख आपके लिए एक अस्त्र साबित होने वाला है।

क्योंकि इसमें माइग्रेन के होने के कारण, लक्षण, उपचार, घरेलू उपाय एवं बचाव के उपाय के बारे में बताया गया है। तो आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से इसे पूरी जानकारी पाने के लिए अंत तक जरूर पढ़ें।

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माइग्रेन क्या है? What is Migraine in Hindi –
माइग्रेन (Migraine in Hindi) एक गंभीर सिरदर्द की बीमारी है जो सिर के किसी एक हिस्सों में तेज दर्द होता है। इसे आम बोलचाल की भाषा में आधे सिर का दर्द या अधकपारी दर्द भी कहा जाता है।

यह सिर दर्द आम सिर दर्द से बिल्कुल अलग होता है जिसे पहचानना थोड़ा कठिन है। इसके कुछ साधारण लक्षण है जो नीचे के लेख में जानेंगे। किसी किसी व्यक्ति को इसके साथ उल्टी या मछली भी आता है।
माइग्रेन कई प्रकार के होते हैं आइए इसे पहले जानते हैं।

माइग्रेन का हिंदी अर्थ क्या है? Meaning of Migraine in Hindi –
माइग्रेन का हिंदी में आधे सिर का दर्द या अधकपारी दर्द भी कहा जाता है।

Migraine in Hindi
Migraine in Hindi
माइग्रेन के प्रकार – Types of Migraine in Hindi –
मुख्य रूप से माइग्रेन भयानक सिरदर्द जैसी बीमारी को बताया जाता है लेकिन माइग्रेन भी कई प्रकार के बीमारी हैं जो इस प्रकार हैं।

  1. ऑक्युलर माइग्रेन (नेत्र संबंधी माइग्रेन) – यह माइग्रेन किसी एक आंख के दृष्टि को कुछ मिनटों या एक घंटा के लिए बाधित कर देता है। इस स्थिति में किसी एक आंख में छोटा ब्लाइंडस्पॉट बनता है और फिर वह बड़ा हो जाता है। इसके कुछ लक्षण कारण है जो नीचे बताया गया है।
  2. विजुअल माइग्रेन (दृष्टि संबंधी माइग्रेन) – यह माइग्रेन दोनों आंखों को एक बार प्रभावित करता है। जिसके कारण 30 मिनट या उससे कम समय तक दृष्टि बाधित रहता है।
    कभी-कभी विजुअल माइग्रेन में सिर दर्द भी होता है कभी नहीं भी होता है।
  3. वेस्टिबुलर माइग्रेन – इस बीमारी में ज्यादातर लोगों को चक्कर आने की समस्या होती है। इस माइग्रेन होने पर 1 मिनट से लेकर कई दिनों तक चक्कर आ सकता है। साथ ही साथ किसी किसी को सिर दर्द, उल्टी, मन में घबराहट, तेज ध्वनि से परेशानी तेज रोशनी से परेशानी जैसी समस्या हो सकता है।

यह ज्यादातर जवानी या बुढ़ापा में होता है। यह बीमारी माइग्रेन से पीड़ित व्यक्तियों में 10% देखा गया है। वेस्टीबुलर माइग्रेन पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है।

  1. मेंस्ट्रुएशन माइग्रेन – यह बीमारी में सिर दर्द होता है लेकिन यह केवल महिलाओं में होता है। जब मासिक धर्म शुरू होता है तब यह माइग्रेन होता है। इस बीमारी के चपेट में लगभग 60% महिलाएं आ जाते हैं।
  2. कोनिक माइग्रेन – यह माइग्रेन वैसे सिर दर्द को कहा गया है जो 3 महीने के दौरान 1 महीने में कम से कम 15 दिन से अधिक बार सिर दर्द हुआ हो। यह परिभाषा द इंटरनेशनल हेडक सोसाइटी के द्वारा दिया गया है। जो माइग्रेन ट्रस्ट डॉट ओआरजी के लेख में प्रकाशित है।
  3. एपीसोडिक माइग्रेन – यह माइग्रेन वैसे सिर दर्द को कहा गया है जो 1 महीने के दौरान 15 बार से कम सिर दर्द हुआ हो। यह परिभाषा द इंटरनेशनल हेडक सोसाइटी के द्वारा दिया गया है।

माइग्रेन के लक्षण – Symptoms of Migraine in Hindi –
हर किसी बीमारी के कुछ न कुछ लक्षण होता है ठीक उसी प्रकार नीचे माइग्रेन (Migraine in Hindi) के कुछ लक्षण के बारे में बताया गया है जिसे जानकर आप समझ सकते हैं कि माइग्रेन है या नहीं।

  1. सिर दर्द – यह माइग्रेन का मुख्य लक्षण माना जाता है। माइग्रेन में सिर का दर्द किसी एक हिस्से में या आधे सिर में होता है। कभी-कभी सीर फड़फड़ाते हुए दर्द सिर के किसी एक हीसे से दर्द शुरू होता है।
  2. पेशाब – माइग्रेन से ग्रसित व्यक्ति को बार-बार मूत्र त्याग की एहसास होता है। तथा ज्यादा प्यास भी लग सकता है। यदि किसी व्यक्ति को इस प्रकार की लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
  3. उबासी (जम्हाई) – उबासी आने का कई कारण होता है जैसे – थकान, नींद कम लेना, शरीर में ऑक्सीजन की कमी। लेकिन दिन भर वे वजह बार बार उबासी (जम्हाई) आ रहा हो तो उसे नजरअंदाज करना बहुत बड़ी बेवकूफी होगा। यह भी माइग्रेन का लक्षण हो सकता है।
  4. भूख – माइग्रेन से पीड़ित कुछ व्यक्तियों को किसी वस्तु या चीज को बार बार खाने की इच्छा होती है। हालांकि दिन में दो से तीन बार खाना सामान्य बात है। यदि हर एक या दो घंटे में कुछ खाने की इच्छा करें तो यह माइग्रेन का लक्षण हो सकता है। इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें और इसकी पुष्टी कराएं।
  5. मूड बदलना – कुछ मरीज में ऐसा देखा गया है कि बिना वजह एकाएक व्यक्ति की मूड में परिवर्तन हो जाता है कभी उदास तो कभी उत्साहित नजर आने लगता है। ऐसी स्थिति में न्यूरोलॉजिस्ट से जरूर संपर्क करना चाहिए।
  6. आंखों में परेशानी – माइग्रेन से पीड़ित कुछ व्यक्तियों को आंखों में दर्द, जलन तथा ज्यादा रोशनी से भी परेशानी होती है। तथा तेज ध्वनि या गंध के प्रति भी संवेदनशील देखा जा सकता है।
  7. नींद – बहुत सारे माइग्रेन के मरीज में ऐसा देखा गया है कि उसे थकान महसूस होते हुए भी नींद नहीं आती है। एवं किसी कार्य करने में असमर्थता महसूस करते हैं।
  8. उल्टी – माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को उल्टी, जी मचलना, मतली जैसी लक्षण दिखाई देते हैं। हलाकी उल्टी या जी मचलने का और भी कारण हो सकता है। लेकिन इसे नजरअंदाज करना भी बेवकूफी हो सकता है। ऐसे में किसी नजदीकी डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

माइग्रेन होने के कारण – Causes of Migraine in Hindi –
तनाव – यदि कोई व्यक्ति किसी वजह से तनाव में रहता है तो उसका असर सीधा मस्तिष्क पर पड़ता है। ज्यादा तनाव में रहने से कई प्रकार की बीमारी की खतरा बढ़ जाती है जैसे – उच्च रक्तचाप, कब्ज, माइग्रेन आदि। इससे बचने के लिए जितना हो सके किसी चीज के प्रति लापरवाह रहे।
हार्मोनल परिवर्तन – महिलाओं में हार्मोन की परिवर्तन ज्यादा होते रहता है। गर्भावस्था, मासिक धर्म के समय हार्मोन का परिवर्तन होने से माइग्रेन का खतरा हो सकता है।
गर्भनिरोधक गोली के सेवन से बचें। इन गोलियों में प्रोजेस्ट्रोन की उपलब्धता होती है जिससे हार्मोन में असंतुलन पैदा हो जाती है इसके वजह से माइग्रेन (Migraine in Hindi) की खतरा ज्यादा रहता है। एक अध्ययन के अनुसार पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में माइग्रेन की समस्या ज्यादा पाया जाता है।
कैफीन – जो व्यक्ति कॉफी का ज्यादा सेवन करते हैं उसे सिर दर्द का खतरा ज्यादा रहता है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार दिन में तीन कप कॉफी उन लोगों के लिए सिरदर्द पैदा करने के लिए पर्याप्त है जो एपिसोडिक माइग्रेन का अनुभव करते हैं।
धूम्रपान – अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन या धूम्रपान करना माइग्रेन को बढ़ावा दे सकता है। अतः माइग्रेन से बचने के लिए धूम्रपान एवं शराब पर परहेज जरूर करें।
खानपान – खराब खान-पान किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यदि आप ज्यादा मसालेदार, मीठा खाद पदार्थ, कॉफी, चॉकलेट का सेवन करते हैं तो उससे माइग्रेन (Migraine in Hindi) का खतरा हो सकता है।
दवाई का सेवन – यदि आप हमेशा किसी न किसी बीमारी के वजह से दवाई का सेवन करते रहते हैं तो आपके लीवर, किडनी, पेट आदि पर दुष्प्रभाव तो पड़ता ही है साथ ही साथ मस्तिष्क पर भी इसका बुरा असर होता है। जिसके कारण माइग्रेन हो सकता है।
अनिंद्रा – आजकल के जिस प्रकार का रहन-सहन है वैसे मैं देर से सोना, देर रात तक मोबाइल या टीवी आदि का इस्तेमाल करना आम हो गया है। ऐसे में अनिद्रा एक बहुत बड़ी समस्या है जिससे कई बीमारियों का रास्ता आम हो जाता है। और सिर दर्द माइग्रेन होना तो लाजिमी हो जाता है।
माइग्रेन का उपचार (इलाज) – Treatment of Migraine in Hindi –
आज के चिकित्सा पद्धति में माइग्रेन के कई प्रकार से इलाज उपलब्ध है लेकिन इसका कोई परमानेंट इलाज नहीं है। इसका इलाज इसके लक्षण और स्थिति के अनुसार किया जाता है। जो किसी विशेषज्ञ द्वारा करवाना ज्यादा उचित होगा।

यदि कोई व्यक्ति बिना किसी डॉक्टर के सलाह लिए इसका उपचार अपने से करता है तो उसके स्वास्थ्य के लिए खतरा एवं नुकसानदायक हो सकता है।

दवाई – माइग्रेन के दर्द को कम करने तथा उसके लक्षण को कम या ठीक करने के लिए बाजार में कई दवाई है जो नीचे बताया गया है।

लेकिन इन दवाओं का इस्तेमाल अलग-अलग लक्षण के अनुसार विभिन्न खुराकु के द्वारा किया जाता है।

ऐसे में इन दवाओं का इस्तेमाल बिना किसी डॉक्टर के सलाह लिए ना करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

Acetaminophen
Ibuprofen
Ergotamine
Rizatriptan
Codeine
Paracetamol
Metoprolol tartrate
Timolol
Valor pate
tapiramate
Propranolol


संतुलित आहार – किसी भी बीमारी से लड़ने एवं उसे रोकने के लिए संतुलित एवं पौष्टिक आहार लेना अपने आप में एक इलाज (उपचार) है।
माइग्रेन से बचने एवं इससे छुटकारा पाने के लिए पौष्टिक एवं जरूरी खाद्य पदार्थ का सेवन जरूर करें। आहार से संबंधित जानकारी नीचे बताया गया है उसे जरूर पढ़ें।

योग(Yoga for migraine in Hindi) – आजकल दुनिया भर में कई भयंकर रोगो के उपचार के लिए योग का सहारा लिया जा रहा है। योग के द्वारा कई प्रकार के रोग आसानी से दूर किया जा सकता है।
क्योंकि योग के कई लाभ हैं। जो और भी बीमारी को भविष्य में होने से बचाता है।

माइग्रेन के उपचार के लिए नीचे बताए गए योगासन को कर सकते हैं इससे लाभ अवश्य होगा।

  • अनुलोम-विलोम प्राणायाम
  • कपालभाति प्राणायाम
  • भ्रामरी प्राणायाम
  • बालासन या शिशु आसन
  • जानू शीर्षासन
  • सेतुबंध आसन
  • शवासन
  • और पढ़ें – थायराइड होने के कारण, लक्षण, उपचार, घरेलू नुस्खे

घरेलू उपाय (नुस्खे) – Home Remedies for Migraine in Hindi –
प्राचीन काल से घरेलू नुस्खे एवं आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के द्वारा रोगों का इलाज सफल एवं असुरक्षित किया जा रहा है। ऐसे में माइग्रेन से ग्रसित व्यक्ति घरेलू नुस्खों को अपनाकर इसके लाभ ले सकते हैं।

अदरक – आधा चम्मच अदरक का रस एवं एक चम्मच शहद को मिलाकर खाएं दर्द से तुरंत राहत मिलता है।

दालचीनी – यह ऐसा मसाला है जो हर किसी के घर के रसोई में जरूर उपलब्ध होता है। इसे थोड़ी पानी के साथ पीसकर सिर पर लगाएं। थोड़ी देर में दर्द से राहत मिलना शुरू हो जाएगा। यह माइग्रेन के लिए सफल नुस्खा माना जाता है।

एप्पल साइडर विनिगर (सेब का सिरका) – एक गिलास पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनिगर को और एक चम्मच शहद को मिलाकर पिए दर्द में फायदेमंद है।

अंगूर – ताजे अंगूर को पीस लें और थोड़ी पानी के साथ इसे जूस की तरह पीए। इसमें कई प्रकार के विटामिंस, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट पाए जाते हैं।
यह दर्द से राहत के साथ-साथ इंस्टेंट एनर्जी भी प्रदान करता है।

कपूर – गाय के देसी घी में कपूर का पाउडर मिलाकर सिर को मालिश करें दर्द से राहत मिलेगा।

तिल का तेल – तिल का तेल में दो इलायची और एक छोटा टुकड़ा दालचीनी मिलाकर पका लें और उस तेल से सिर को मालिश करें बहुत जल्द सिर दर्द से आराम मिलेगा।

घी- घर का बना हुआ शुद्ध देसी घी दो-दो बूंद नाक में रोजाना डालें माइग्रेन के दर्द से छुटकारा अवश्य मिलेगा।

पिपरमिंट – चार बूंद पिपरमिंट का तेल और एक चम्मच शहद को एक गिलास पानी में डालकर पिए। तथा इसके तेल से सिर को मालिश करें बहुत जल्द लाभ मिलता है।

बर्फ – किसी छोटे कपड़े में बर्फ के छोटे-छोटे टुकड़े को पॉलिथीन बैग में भरकर लपेट लें और उससे सिर पर सिकाई करें। दर्द एवं सूजन में बहुत लाभदायक है।

मसाज – सरसों या तिल का तेल गर्म कर ले और उस तेल से पूरे सिर एवं शरीर को भी मालिश करें। दर्द में बहुत आराम मिलता है।

माइग्रेन से बचाव के उपाय – Precautions of Migraine in Hindi –
नींद – माइग्रेन से बचने के लिए भरपूर नींद लें। इससे मस्तिष्क को पूरा आराम एवं एनर्जी मिलता है। किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए 6 से 8 घंटा रात को जरुर सोना चाहिए।

पौष्टिक आहार – शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक एवं गुणवत्ता पूर्ण आहार बहुत जरूरी है। ऐसे में हर व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा फाइबर युक्त, प्रोटीन, विटामिन एवं मिनरल्स वाले खाद पदार्थ का सेवन करना चाहिए।

योग – आजकल के दिनचर्या में योग का बहुत महत्व दिया जा रहा है। किसी भी व्यक्ति को शारीरिक एवं मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए योग एक सरल और सफल उपाय है।
ऊपर के लेख में कुछ योगासन और प्राणायाम को बताया गया है जिसे आप नियमित करें माइग्रेन से बचने के लिए।

व्यायाम – शरीर को स्वस्थ एवं स्फूर्ति बनाए रखने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें हर दिन कम से कम 30 से 45 मिनट व्यायाम जरूर करें कई बीमारी से बच सकते हैं।

तनाव – आज के युवाओं में तनाव की समस्या बहुत ज्यादा देखा जा रहा है। माइग्रेन तथा कई अन्य बीमारियों से बचने के लिए तनाव को कम करना बहुत जरूरी है।

तनाव कम करने की सबसे सरल उपाय किसी भी चीज को हल्के में लेना यानी कोई काम का बोझ या परिवारिक समस्या हो उसे लापरवाही से करें। तनाव से बचने का सरल उपाय हैं।

नियमित जांच – किसी भी बीमारी से बचने के लिए नियमित अपने डॉक्टर से संपर्क करें एवं बॉडी की जांच करवाते रहें।
इससे कई बीमारी को आने से पहले ही रोका जा सकता है।
माइग्रेन से बचने के लिए किसी डॉक्टर की सलाह पर ब्लड जांच, पेशाब जांच एवं सीटी स्कैन करवा सकते हैं।

धूम्रपान – धूम्रपान एवं शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक है। माइग्रेन से बचने के लिए धूम्रपान एवं शराब के सेवन से परहेज करें।

  • अन्य उपाय – गर्भनिरोधक गोली के सेवन से बचें।
  • तेज धूप या तेज चकाचौंध रोशनी से बचें।
  • रोजाना कम से कम 10 से 12 गिलास पानी जरूर पिएं।
  • सिंथेटिक खुशबूदार तेल एवं परफ्यूम से बचें।
  • सोते समय कमरे की लाइट जरूर बंद करें।
  • चाय एवं कॉफी से परहेज करें।
  • जंक फूड या पैक्ड फूड को कम से कम इस्तेमाल करें।
  • माइग्रेन में क्या खाएं क्या ना खाएं – Migraine Diet in Hindi –
  • ताजी हरे पत्तेदार सब्जी का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
  • सेब का सेवन जरूर करें माइग्रेन में बहुत लाभदायक है।
  • तरल पदार्थ, दूध, दही छाछ, सूप, नारियल पानी आदि का सेवन जरूर करें।
  • कम वसायुक्त भोजन करें।
  • तला या भुना हुआ खाद सामग्री न खाएं।
  • फल का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करें।
  • बाहर के पैक एवं जंक फूड न खाएं।
  • चाय एवं कॉफी से बचें।
  • शराब एवं धूम्रपान न करें।
  • ज्यादा नमक या चीनी खाने से बचें।
  • मटर, मूंगफली, सोया बीनस, बादाम, काजू, अखरोट, किसमिस आदि न खाएं।
  • मिर्ची, अचार, पनीर, जैतून का तेल न खाएं।
  • खट्टे फल संतरा आदि का सेवन ना करें।
  • और पढ़ें – पित्ताशय की पथरी के कारण, लक्षण, इलाज, घरेलू नुस्खे

अक्सर पूछे जाने वाला सवाल – FAQ –
Q) माइग्रेन और सिरदर्द में क्या अंतर है?
Ans – सिर दर्द माइग्रेन का एक लक्षण है। लेकिन सिर दर्द कुछ मिनटों या घंटों तक होता है । वही माइग्रेन कुछ मिनटों से लेकर कई दिनों तक हो सकता है।
सिर दर्द पूरे सिर में होता है वही माइग्रेन का दर्द सिर के किसी एक हिस्से में होता है। किसी किसी व्यक्ति को पूरे सिर में भी दर्द हो सकता है।

Q) माइग्रेन क्यों होता है?
Ans – माइग्रेन होने के कई कारण हैं लेकिन मुख्य रूप से अनिद्रा, हार्मोन असंतुलन, तनाव, धूम्रपान आदि कारणों से होता है।

Q) माइग्रेन किसे हो सकता है?
Ans – माइग्रेन होने का कोई उम्र सीमा नहीं है। यह बूढ़ा, बच्चा जवान किसी को भी हो सकता है। लेकिन माइग्रेन की समस्या सबसे ज्यादा महिलाओं में पाया जाता है।

Q) महिलाओं को माइग्रेन होने का क्या कारण है?
Ans – ज्यादातर महिलाओं में माइग्रेन होने का कारण गर्भावस्था, मासिक धर्म या गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से हार्मोन का असंतुलन का मुख्य कारण माना जाता है जो माइग्रेन का कारण हो सकता है।

Q) माइग्रेन का दर्द कितने दिनों तक रह सकता है?
Ans – माइग्रेन का दर्द कुछ मिनटों से लेकर 72 घंटों तक रह सकता है।

Q) माइग्रेन की जांच कैसे होता है?
Ans – माइग्रेन की जांच कराने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है डॉक्टर उसके लक्षण और स्थिति के अनुसार ब्लड जांच, पेशाब जांच, सीटी स्कैन आदि कराने की सलाह देता है।

क्या माइग्रेन के इलाज संभव है?
हाँ, माइग्रेन के इलाज संभव है। इसके लिए किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें।

माइग्रेन को हिंदी में क्या कहते हैं?
माइग्रेन को हिंदी में आधे सिर का दर्द या अधकपारी दर्द कहते है।

माइग्रेन का दर्द कितने दिन तक रहता है?
माइग्रेन का दर्द कुछ मिनटों से लेकर तीन दिन तक रह सकता है। विस्तार से जाने

माइग्रेन का दर्द कैसे होता है?
माइग्रेन का दर्द सिर के किसी एक हिस्से में या आधे सिर में होता है। यह दर्द कभी कभी फड़फड़ाते हुए सिर के किसी एक भाग से सुरु होता है। किसी ब्यक्ति को पूरे सिर में भी भयानक दर्द हो सकता है।

इस लेख से आपने क्या सीखा –
इस लेख में आपने माइग्रेन से जुड़ी बहुत सारी जानकारियां प्राप्त की है जैसे- माइग्रेन क्या है, माइग्रेन कितने प्रकार के होते हैं, माइग्रेन के होने के लक्षण क्या है, इसके होने के कारण क्या है, माइग्रेन से बचने के उपाय क्या है, माइग्रेन का इलाज क्या है, माइग्रेन से बचने के उपाय क्या है, एवं माइग्रेन में क्या खाएं क्या न खाएं इत्यादि।

आपको यह लेख Migraine in Hindi से जुड़ी जानकारी कैसा लगा नीचे कॉमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।आपके द्वारा किया गया कॉमेंट हमे अच्छी लेख लिखने के लिए प्रेरित करता है, और साथ मे ये भी जरुर बताए यदि लेख में कोई त्रुटि हो या सुधार की जरूरत हो तो अवश्य उसके बारे में लिखे जिससे हम सुधार कर त्रुटिहीन बना सेक।

इस लेख को अपने मित्रों एवं सगे संबंधियों को जरूर शेयर करे जिससे उन्हें भी इस बीमारी से बचने, रोकने एवं निपटने में आसानी हो सके।

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